Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दावा किया गया है कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 350 रुपये की दिहाड़ी पर लोग बुलाए गए। लेकिन रैली समाप्त होने के बाद उन्हें पैसे नहीं दिए गए। वीडियो को शेयर करते हुए इसे किसान आंदोलन की सच्चाई बताया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।
Fact check / Verification
किसान आंदोलन से देशी की सियासत का पारा बढ़ गया है। जहाँ एक तरह केंद्र सरकार नए कृषि कानून से किसानों की खेती को बेहतर बनाने का दावा कर रही है तो वहीं पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इसे खुद के लिए अभिशाप बता रहे हैं। इसी कानून को वापस लेने की मांग को लेकर देश के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कई दिनों से संघर्ष कर रहे हैं।
किसानों के इस आंदोलन ने सोशल मीडिया पर भी खूब घमासान मचा रखा है। जिसके चलते सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों का जाल बढ़ता जा रहा है। ट्विटर पर हरियाणा के बहादुरगढ़ के लोगों का एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन में भीड़ को एकत्रित करने के लिए लोगों को दिहाड़ी देकर बुलाया जा रहा है। वीडियो को देखने पर हमें इसके पुराना होने की आशंका हुई जिसके बाद हमने पड़ताल आरम्भ की।
पड़ताल के दौरान सबसे पहले वायरल वीडियो को InVid टूल के माध्यम से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल रिवर्स के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो ट्विटर के ankurmalviya नामक हैंडल द्वारा 29 मार्च साल 2018 को किये गए एक पोस्ट में मिला।
यूज़र ने वीडियो के साथ जानकारी दी है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान पार्टी ने लोगों को दिहाड़ी 350 रुपये देकर बुलवाया था।
वायरल वीडियो की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने बारीकी से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से मेल खाता एक और वीडियो ANI के ट्विटर हैंडल पर मिला। वीडियो को 26 मार्च साल 2018 को हैंडल पर अपलोड किया गया था।
यहाँ भी वीडियो में दिख रहा शख्स यह बता रहा है कि उसे हरियाणा के बहादुरगढ़ से लाया गया है, जहां उसे 350 रुपये की दिहाड़ी देने का वादा किया गया था। इस दौरान वीडियो के उल्लेख में ANI ने यह जानकारी दी है कि यह रैली आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित की गयी थी।
पड़ताल के दौरान हमें आप पार्टी की सोशल मीडिया टीम की एक ‘आरती’ नामक सदस्य के ट्विटर हैंडल पर वीडियो प्राप्त हुआ। आरती ने वायरल वीडियो को साल 2018 में किए गए एक पोस्ट में अपलोड किया था।
Conclusion
वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वीडियो हालिया दिनों का नहीं है। हालांकि वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों द्वारा आप पार्टी पर लगाए गए आरोपों की पड़ताल हम नहीं कर पाए। लेकिन यह साफ़ है कि वीडियो हाल का नहीं बल्कि साल 2018 में हरियाणा में हुई आप पार्टी की एक रैली के दौरान का है।
Result – Misleading
Our sources
https://twitter.com/aartic02/status/979300870545436672
https://twitter.com/ANI/status/978159204488896512
किसी भी संदिग्ध समाचार की जांच, सुधार या अन्य सुझावों के लिए हमें ईमेल करें: checkthis@newschecker.in या व्हाट्सएप नंबर 9999499044
Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.