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सोशल मीडिया एक ऐसा मंच है, जहां किसी भी बड़ी खबर पर फेक दावों को शेयर किया जाना आम बात है। इस हफ्ते श्रीलंका संकट को लेकर एक वीडियो वायरल हो गया। दावा किया गया कि गुस्साई भीड़ ने श्रीलंका के मंत्रियों को नंगा करके पीटा। इसके आलावा वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद विवाद भी काफी सुर्खियों में रहा। मस्जिद में हुए सर्वे को लेकर कई ऐसे कंटेंट शेयर किए जो हमारी पड़ताल में फेक साबित हुए। इस सप्ताह एक अन्य दावे को शेयर करते हुए कहा जाने लगा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने निजी स्कूलों के सिर्फ मुस्लिम विद्यार्थियों की फीस रिफंड करने का आदेश जारी किया है। हमारी इस रिपोर्ट में इस सप्ताह वायरल हुए टॉप 5 फेक दावों का सच पढ़ा जा जा सकता है।
ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे से जोड़कर वायरल हुए भ्रामक पोस्ट
सोशल मीडिया पर कई तस्वीरों को शेयर कर दावा किया जाने लगा कि यह उसी शिवलिंग की तस्वीरें हैं जो कथित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान प्राप्त हुई हैं। हमारी पड़ताल में वायरल हुए पोस्ट्स भ्रामक साबित हुए।
क्या श्रीलंका में हुई हालिया हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा मंत्रियों को नंगा करके पीटा गया?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि श्रीलंका में हुई हालिया हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा वहां के मंत्रियों को नंगा करके पीटा गया। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।
क्या दिल्ली की केजरीवाल सरकार निजी स्कूलों के केवल मुस्लिम छात्रों की फीस वापस कर रही है?
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये दावा किया गया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार निजी स्कूलों के सिर्फ मुस्लिम छात्रों की फीस वापस कर रही है। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ।
मध्य प्रदेश में मस्जिद के सामने दलित बारातियों पर हुए पथराव की घटना को राजस्थान का बताया गया
सोशल मीडिया पर दैनिक भास्कर की एक खबर के स्क्रीनशॉट के जरिए दावा किया गया कि राजस्थान मेंं मुस्लिमों ने एक दलित की बारात पर पथराव किया। हमारी पड़ताल में पता चला कि यह दावा भ्रामक है।
पीएम मोदी को आइकॉन बनाने को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नहीं किया कोई ट्वीट, फेक दावा हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर कर दावा किया गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों से कहा है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आइकॉन क्यों नहीं बना सकते. हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ।
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